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सोना पहाड़ी एक लोक आस्था का केन्द्र

सोना पहाड़ी मंदिर गॉव बेको ((गोपालपुर) (BEKO,GOPALPUR),जिला गिरीडीह(GIRIDIH),झारखण्ड में स्थित है | यह मंदिर पहाड़ की चोटी पर स्थित है जो इस मंदिर की सुंदरता को अलग आयाम देता है। सोना पहाड़ी के नाम से विख्यात इस पवित्र स्थल में जमीनी सतह से 426 फीट ऊंची पहाड़ी पर 126 सीढि़यों के सहारे द्वारसैनी बाबा और द्वारसैनी माता का मंदिर है। यह मंदिर अपने क्षेत्र काफी दूर दूर तक प्रसिद्ध है।मंदिर आज के कलियुग में भी यहाँ लोगों की प्रार्थना पूरी होती है।
इसी विश्वास के कारण प्रतिदिन यहां सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर की विशेषता यह है कि “यह 1600 ई में निर्मित हुई है और यह मंदिर ‘द्वारसिनी बाबा ‘ को समर्पित है | जोकि ग्राम के प्रवेश द्वार में ” द्वार सिनि बाबा ” विराजमान रहते है जो गॉव में प्रवेश होने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखते हैं | प्रार्थना पूरी होने पर लोग यहां बकरों की बलि चढाते हैं। और प्रसाद ग्रहण करते हैं। लेकिन शर्त यह है कि जो भी पूजा की जाती है उसका प्रसाद गाँव की सीमा के भीतर ही खाना होता है। किसी भी प्रकार के प्रसाद को इसके सीमा क्षेत्र से बाहर नहीं ले जाना होता है।
सोना पहाड़ी बेको पर इस राजा का किला था जहां भारी मात्रा में सोना चांदी भी रखते थे इसीलिए इस पहाड़ी का नाम सोना पहाड़ी पड़ा।
इस मंदिर ग्रैंड ट्रक रोड से अच्छी तरह जुड़े हुए है इसलिए यह आवागमन में कोई असुविधा नहीं है।
पहाड़ी के तलहटी में यात्रियों के रुकने एवं जलपान की सारी सुविधाएं उपलब्ध है जो की ग्रामीणों के आय का मुख्य स्रोत है।
झारखंड सरकार का भी प्रयास इस मंदिर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने का है।
आस्था और विश्वास का प्रतीक ” सोना पहाड़ी मंदिर “

Sona Pahari BAGODAR a center of folk faith

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