भारत के लोकतंत्र के इतिहास में दर्ज़ होने वाली घटना जो हमारे प्रजातंत्र की मजबूती का एक उदाहरण बनेगा ,अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पहली बार ग्रेट निकोबार द्वीप समूह में रहने वाले शोम्पेन जनजाति(SOMPEN TRIBE) के लोगों ने अपना वोट डाला है।2014 में मतदाता सूची में नाम दर्ज होने के बाद इस समूह के 84 मतदाताओं में से 7 सदस्यों ने आज मतदान किया है, इलेक्शन कमिशन (ECI ) ने विशेष रूप से शोम्पेन जनजाति के लिए मतदान केंद्र बनाए गए थे। यह आश्चर्यजनक है!1947 के बाद पहली बार!!भारत में लोकतंत्र की जड़ें गहरी और फैलती जा रही हैं।
शोम्पेन जनजाति के बारे में:
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ग्रेट निकोबार द्वीप के घने उष्णकटिबंधीय वर्षा वन में रहने वाली जनजाति हैं।उनसे पहली बार 1840 के दशक में संपर्क किया गया था और उन्हें विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) के रूप में नामित किया गया है।
यह जनजाति अपनी विशेष भाषा, संस्कृति, और जीवनधारा के लिए जानी जाती है।शोम्पेन, जो भारत के सबसे कम अध्ययन किए गए जनजातीय समूहों में से एक हैं, वो हमलोगो संपर्क से दूर रहते हैं। उनकी वास्तविक जनसंख्या का आज भी अज्ञात है, लेकिन अनुमानित रूप से उनकी संख्या 200 से भी कम है। वे छोटे समूहों में रहते हैं और अपने क्षेत्र की पहचान वर्षावन से बहने वाली नदियों से करते हैं।
इनकी मुख्य आजीविका का स्रोत शिकार करना, इकट्ठा करना, मछली पकड़ना, और थोड़ी बागवानी है। ये अर्ध-खानाबदोश शिकारी-संग्रहकर्ता हैं और वनों में जंगली सुअर, अजगर, मॉनिटर छिपकली, मगरमच्छ, और कछुए का शिकार करते हैं।
For the first time the people of Shompen tribe cast their vote