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हूल दिवस के अवसर पर अमर शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव व फूलो-झानो सहित झारखंड के सभी शहीदों को नमन

हर साल 30 जून को ‘हूल दिवस'(HUL DIWAS) के रूप में मनाया जाता है, जो झारखंड की अद्वितीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह दिन हमें 1855 के संथाल विद्रोह की याद दिलाता है, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ आदिवासी समुदाय के संघर्ष और साहस का प्रतीक है।

संथाल विद्रोह: एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1855 में, संथाल समुदाय के चार वीर योद्धाओं – सिदो, कान्हू, चांद और भैरव ने ब्रिटिश शासन के अत्याचारों और स्थानीय महाजनों के शोषण के खिलाफ विद्रोह किया। इस विद्रोह को ‘हूल’ कहा गया, जिसका अर्थ होता है विद्रोह या आंदोलन। इन महान स्वतंत्रता सेनानियों ने संथाल परगना क्षेत्र में अपने लोगों को संगठित किया और स्वतंत्रता की ज्वाला को प्रज्वलित किया।

अमर शहीदों की वीरता

सिदो और कान्हू मुर्मू ने अपने साहस और नेतृत्व से न केवल संथाल समुदाय, बल्कि पूरे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया। उनकी संघर्षगाथा आज भी लोगों के दिलों में जीवित है। चांद और भैरव, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना विद्रोह में भाग लिया, हमें सच्ची वीरता और बलिदान की परिभाषा सिखाते हैं।

फूलो और झानो, जिन्होंने अपने जीवन में अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष किया, आज भी महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने यह साबित किया कि जब समाज के सबसे कमजोर वर्गों पर अत्याचार होता है, तब वे भी संगठित होकर अत्याचारी व्यवस्था को चुनौती दे सकते हैं।

हूल दिवस का महत्व

हूल दिवस हमें न केवल हमारे पूर्वजों के संघर्ष और बलिदान की याद दिलाता है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि अन्याय के खिलाफ खड़ा होना हमारा कर्तव्य है। यह दिन हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर और इतिहास के प्रति गर्व का अनुभव कराता है।

शहीदों को श्रद्धांजलि

आज हूल दिवस के अवसर पर, हम सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो और झारखंड के सभी अमर शहीदों को नमन करते हैं। उनका साहस, संघर्ष और बलिदान हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है और हमेशा रहेगा। उनकी वीरगाथाएं हमें अन्याय के खिलाफ लड़ने और अपने अधिकारों के लिए खड़े होने की प्रेरणा देती हैं।

इस हूल दिवस पर, आइए हम सब मिलकर उन महान आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करें और उनके आदर्शों को अपनाकर एक न्यायपूर्ण और समानता आधारित समाज के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ें। उनके बलिदानों की गाथा हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगी और हमें सच्चाई और न्याय की राह पर चलने के लिए प्रेरित करती रहेगी।

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