भारत में हर साल 29 अगस्त (29 AUGUST)को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती को समर्पित है। मेजर ध्यानचंद, जिन्हें ‘हॉकी के जादूगर’ के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने अद्वितीय खेल कौशल से भारत को तीन बार ओलंपिक स्वर्ण पदक जिताया।
मेजर ध्यानचंद: एक महान खिलाड़ी
मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905(29 AUGUST 1905) को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने अपने करियर में अनेक रिकॉर्ड बनाए और भारत को हॉकी के खेल में विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। उनके खेल कौशल की तारीफ करते हुए जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने उन्हें जर्मन सेना में शामिल होने का प्रस्ताव भी दिया था, जिसे ध्यानचंद ने अस्वीकार कर दिया।
राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व
राष्ट्रीय खेल दिवस का उद्देश्य खेलों के प्रति जागरूकता फैलाना और युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करना है। इस दिन को मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग शारीरिक स्वास्थ्य के महत्व को समझें और खेलों के माध्यम से स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली अपनाएं।
खेलों का महत्व
खेल न केवल शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देते हैं। खेलों से अनुशासन, टीम वर्क, नेतृत्व क्षमता और समय प्रबंधन जैसे गुणों का विकास होता है।
खेल पुरस्कार और सम्मान
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में विभिन्न खेल पुरस्कारों का वितरण किया जाता है। इनमें राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार शामिल हैं। ये पुरस्कार उन खिलाड़ियों और कोचों को दिए जाते हैं जिन्होंने अपने-अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और देश को गर्व का अनुभव कराया है।
राष्ट्रीय खेल दिवस हमें याद दिलाता है कि खेल जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हमें उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए। मेजर ध्यानचंद जैसे महान खिलाड़ियों की उपलब्धियों से प्रेरित होकर हमें खेलों को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। यह दिन न केवल हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का भी प्रतीक है।
राष्ट्रीय खेल दिवस के इस अवसर पर, हम सभी को खेलों के प्रति जागरूक होने और खेलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि हम एक स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकें।
National Sports Day: In memory of Major Dhyanchand