भारत सरकार ने औपनिवेशिक विरासत से मुक्ति के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए आज पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर “श्री विजयपुरम” कर दिया है। यह नामकरण भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मिली जीत और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह की विशिष्ट भूमिका का प्रतीक है।
श्री विजयपुरम के रूप में नया नाम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों और वीरों के सम्मान में रखा गया है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में विशेष योगदान रहा है, जहां आज़ाद हिंद फौज के महान नेता सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय ध्वज फहराया था और इसे आजाद भारत की पहली धरती घोषित किया था।
इस नाम परिवर्तन का उद्देश्य केवल औपनिवेशिक अतीत से दूरी बनाना ही नहीं, बल्कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामरिक महत्व को भी पुनः स्थापित करना है। श्री विजयपुरम एक नई पहचान के साथ भारत के स्वाभिमान, स्वतंत्रता और गौरव का प्रतीक बनेगा।
“श्री विजयपुरम का नया नामकरण हमारे स्वतंत्रता संग्राम के उन अनगिनत वीरों के प्रति श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। यह भारत के अदम्य साहस और विजय का प्रतीक है।”
Government of India took a historic step, Port Blair is now named "Sri Vijayapuram"