धनबाद, 16 सितंबर 2024: पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण मैथन और पंचेत डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने दोनों डैम पर कड़ी नजर रखी हुई है। हालांकि अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है।
डैम के गेट से हो रही पानी की नियंत्रित निकासी
जलस्तर में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए मैथन डैम का एक गेट रात के समय खोला जा रहा है और सुबह होते ही बंद कर दिया जाता है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि डैम में अत्यधिक पानी का जमाव न हो और निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न न हो। डीवीसी (Damodar Valley Corporation) ने भी मैथन और पंचेत हाइडल परियोजना से टरबाइनों के माध्यम से पानी की निकासी सुनिश्चित की है।
मैथन और पंचेत डैम के जलस्तर की स्थिति
डीवीसी (Damodar Valley Corporation)की जानकारी के अनुसार, मैथन डैम का जलस्तर 483 फीट तक पहुंच गया है। इस डैम में 25,715 एकड़ फीट पानी संग्रहित हो रहा है, जबकि 11,425 एकड़ फीट पानी छोड़ा जा रहा है। दूसरी ओर, पंचेत डैम का जलस्तर 408 फीट है, जिसमें 31,845 एकड़ फीट पानी संग्रहीत हो रहा है और 41,885 एकड़ फीट पानी छोड़ा जा रहा है। जलस्तर में यह वृद्धि चिंताजनक हो सकती है, लेकिन प्रशासन इसे पूरी तरह से नियंत्रित कर रहा है।
केंद्रीय जल आयोग की सतर्कता
केंद्रीय जल आयोग की टीम डैम के जलस्तर पर पूरी सतर्कता से नजर बनाए हुए है। अधिकारियों के अनुसार, यदि जलस्तर में और वृद्धि होती है, तो अधिक गेट खोले जा सकते हैं। फिलहाल, स्थिति पर पूरी निगरानी रखी जा रही है ताकि निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा न उत्पन्न हो।
निचले इलाकों में अलर्ट
निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को प्रशासन की ओर से सतर्क रहने की सलाह दी गई है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षा के सभी उपाय अपनाएं।
पर्यावरण और सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
मैथन और पंचेत डैम में जलस्तर में वृद्धि से जलभराव और बाढ़ का खतरा हो सकता है, लेकिन जल आयोग और स्थानीय प्रशासन ने इसके लिए पर्याप्त इंतजाम कर रखे हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ नागरिकों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
Water level of Maithon and Panchet Dam increased: Central Water Commission's close watch, alert issued
in low-lying areas