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P K Roy College व IIT-ISM जमीन विवाद की जांच का आदेश

धनबाद :धनबाद के पीके राय कॉलेज (P K Roy College)की 71 डिसमिल जमीन आईआईटी-आईएसएम (IIT-ISM)प्रबंधन द्वारा कब्जा करने के मामले में डीसी ने धनबाद अंचल अधिकारी शशिनाथ सिंकर को जांच का आदेश दिया है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पीके राय कॉलेज की प्राचार्य कविता सिंह ने राज्यपाल से गुहार लगाई थी. इसके बाद राज्यपाल ने धनबाद डीसी को जांच का निर्देश दिया था. अपर समाहर्ता विनोद कुमार ने बताया कि ऐसे मामलों में देरी नहीं की जाती है. धनबाद सीओ को जांच का आदेश दिया गया है. वहीं, सीओ सिंकर ने कहा कि अभी तक उन्हें जांच के आदेश की कॉपी नहीं मिली है. आदेश मिलने पर जांच कर रिपोर्ट दी जाएगी.

पूरा मामला :

पीके राय कॉलेज (P K Roy College)की प्राचार्या ने राज्यपाल संतोष गंगवार को पत्र लिख कर गुहार लगाई थी कि कॉलेज की 71 डिसमिल जमीन पर आईआईटी आइएसएम प्रबंधन द्वारा कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है. उक्त जमीन को कब्जा मुक्त करा कर कॉलेज के अधीनस्थ करने का आग्रह किया था. जिसपर संज्ञान लेते हुए राज्यपाल ने धनबाद डीसी माधवी मिश्रा को जांच के लिए लिखा. जिसके बाद डीसी ने इस पर जांच के आदेश दे दिए है. पीके राय कॉलेज की प्राचार्या कविता सिंह ने इस मामले में बताया कि सरकार द्वारा 2019 में उन्हें 71 डिसमिल जमीन दी गई थी. इस पर नई बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव है, मानव संसाधन विकास विभाग की ओर से 75 करोड़ की योजना भी स्वीकृत की जा चुकी है जिसका कार्य आने वाले वर्ष की प्रथम तिमाही से शुरू होगा. इसी बीच आईआईटी आइएसएम द्वारा जमीन के आगे दीवार खड़ी कर दी गई थी. शिकायत करने पर दीवार तो हटा दी गई है लेकिन इसके बाद पूरी जमीन पर कब्जा करने की नीयत से पिलर लगा कर तार से घेराबंदी की जा रही है. इसकी शिकायत राज्यपाल से की गई थी. उन्होंने बताया कि 71 डिसमिल जमीन के साथ ही 7.64 एकड़ जमीन के आवंटन की प्रक्रिया भी चल रही है. उक्त 7.64 जमीन भागा माइनिंग स्कूल के प्राचार्य आवास के नाम पर थी जो कि सरकारी जमीन है. जिसे पीके राय कॉलेज(P K Roy College) को दिए जाने की प्रक्रिया अभी चल ही रही है.

Order for investigation into PK Roy College and IIT-ISM land dispute

नाविक

नाविक कुमार, एक समाचार संपादक और लेखक, जिन्होंने समाज में गहरी छाप छोड़ी है। उनका ज्ञान समाज को जागरूक करने और सोच को प्रेरित करने के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करता है। उनके लेख और संपादन उनके विवेकशीलता, उत्कृष्टता और समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण की प्रतिबिम्बित करते हैं।

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