देवघर: झारखंड के देवघर जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने सिविल सर्जन डॉ. रंजन सिन्हा को 70,000 रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत एक नर्सिंग होम के नवीनीकरण के लिए मांगी गई थी। परिवादी मो. महफुज आलम ने आरोप लगाया कि डॉ. सिन्हा ने उनसे 1,50,000 रुपये की घूस की मांग की थी।
नर्सिंग होम नवीनीकरण के लिए मांगी गई थी रिश्वत
परिवादी महफुज आलम, जो पश्चिम बर्द्धमान, पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, ने 2020 में देवघर के मधुपुर में 10 बेड का एक नर्सिंग होम शुरू किया था। नर्सिंग होम के नवीनीकरण के लिए जब उन्होंने आवेदन किया, तो सिविल सर्जन डॉ. रंजन सिन्हा ने उनसे 1,00,000 रुपये की घूस मांगी। बाद में यह राशि बढ़ाकर 1,50,000 रुपये कर दी गई।
ACB ने की कार्रवाई
परिवादी ने इस मामले की सूचना एसीबी को दी, जिसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामले की जांच की और 16 अक्टूबर 2024 को डॉ. सिन्हा को 70,000 रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार किया। एसीबी ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई
इस घटना से साफ है कि झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। एसीबी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भ्रष्टाचार के मामलों पर लगाम लगे।
Deoghar civil surgeon arrested for taking bribe of Rs 70,000
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