धनबाद: साइबर अपराधी ठगी के नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने में लगे हैं, और अब इसमें मूकबधिर व्यक्तियों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। धनबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें ठगी का शिकार होने से लेकर रकम का ट्रांसफर करने और लेने वाला व्यक्ति भी मूकबधिर है। यह संभवतः धनबाद या पूरे झारखंड में अपने आप में पहला ऐसा मामला है, जिसने पुलिस के लिए जांच को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
राजकोट पुलिस के आदेश पर अकाउंट फ्रीज
धनबाद थाना क्षेत्र के नावाडीह निवासी एक मूकबधिर युवक के खाते को राजकोट पुलिस के निर्देश पर फ्रीज कर दिया गया। जब युवक को इस बारे में पता चला, तो उसने अपने परिवार को जानकारी दी। मामले की जांच शुरू हुई, तो यह खुलासा हुआ कि उसका एक दोस्त उसके खाते का उपयोग कर रहा था और उसमें साइबर ठगी से जुड़ी रकम जमा की जा रही थी। इसके बाद युवक ने साइबर थाना पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी।
15 बार में खाते में आए 82 हजार रुपये
नावाडीह के इस युवक ने बताया कि कुछ माह पहले उसकी दोस्ती एक और मूकबधिर युवक से हुई थी। दोनों के बीच व्हाट्सएप पर हाय-हैलो होती रहती थी। इस दौरान उसके दोस्त ने कहा कि उसके चाचा उसके खाते में पैसे भेजेंगे, क्योंकि उसका खुद का कोई अकाउंट नहीं है। इसके बाद युवक के खाते में करीब 15 बार में कुल 82 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए। युवक ने एटीएम से पैसे निकालकर 62 हजार रुपये अपने दोस्त को दे दिए, लेकिन बाद में उसके खाते से पैसे निकलना बंद हो गए।
राजकोट से आया फोन और फ्रीज हुआ अकाउंट
तीन दिन पहले राजकोट से एक कॉल आया, जिसमें बताया गया कि उसके साला के खाते से 82 हजार रुपये की अवैध राशि नावाडीह निवासी युवक के अकाउंट में ट्रांसफर हुई है। मूकबधिर होने के कारण जिस अकाउंट से राशि ट्रांसफर हुई, वह भी इस ठगी का एक माध्यम बना। शिकायत मिलने पर राजकोट पुलिस ने इस युवक के खाते को फ्रीज कर दिया है।
यह मामला न केवल साइबर ठगी की बदलती रणनीतियों का उदाहरण है, बल्कि मूकबधिर व्यक्तियों को ठगी में निशाना बनाने का भी चिंताजनक संकेत है।
Dhanbad: Shocking case of cyber fraud taking place with the help of deaf and dumb