झारखंड-बंगाल सीमा पर तीसरे दिन भी गतिरोध जारी
झारखंड और बंगाल की सीमा पर डीबुडीह चेक पोस्ट पर आलू लदे ट्रकों को पश्चिम बंगाल पुलिस ने तीसरे दिन भी झारखंड में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। इससे निराश होकर अधिकांश ट्रक चालक वापस अपने गोदामों की ओर लौटने लगे हैं।
आलू सड़ने का खतरा, भारी नुकसान का अंदेशा
ट्रक चालकों ने बताया कि लंबे समय तक चेक पोस्ट पर इंतजार करने से आलू खराब होने की संभावना है। ऐसे में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। कई ट्रक चालक अब आलू गोदामों में वापस ले जाने का निर्णय ले रहे हैं।
पश्चिम बंगाल पुलिस की कड़ी जांच
शनिवार को डीबुडीह चेक पोस्ट पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने और सख्ती बरतते हुए यह सुनिश्चित किया कि कोई भी आलू लदा ट्रक झारखंड में प्रवेश न कर सके। इस स्थिति से आलू कारोबारियों में गहरी चिंता है। उनकी व्यावसायिक गतिविधियां ठप हो गई हैं, जिससे बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है।
निरसा विधायक अरूप चटर्जी का बयान
इस मामले पर निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार की यह कार्रवाई अनुचित है। उन्होंने वादा किया कि वे इस मुद्दे को झारखंड सरकार तक पहुंचाएंगे और प्रयास करेंगे कि आलू का आवागमन सामान्य हो सके।
आलू कारोबारियों की बेचैनी बढ़ी
आलू कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर यह स्थिति और लंबी खिंचती है, तो उनका कारोबार पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पश्चिम बंगाल सरकार कब तक आलू के आवागमन पर लगी रोक हटाएगी।
स्थिति का व्यापक प्रभाव
- आलू सड़ने से खाद्य बर्बादी का खतरा।
- छोटे और बड़े कारोबारियों को बड़ा आर्थिक नुकसान।
- झारखंड में आलू की आपूर्ति बाधित होने से कीमतों में उछाल की संभावना।
इस मुद्दे को लेकर कारोबारियों और ट्रक चालकों ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है ताकि यह गतिरोध खत्म हो और आलू का परिवहन सामान्य हो सके।
Deadlock continues on Jharkhand-Bengal border for third day: Trucks laden with potatoes not allowed