रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को बड़ा झटका लगा है। मनी लाउंड्रिंग और टेंडर घोटाला मामले में उनकी डिस्चार्ज याचिका को रांची स्थित PMLA (प्रीवेन्शन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट) की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया।
क्या है मामला?
आलमगीर आलम पर आरोप है कि उन्होंने टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार करके करोड़ों रुपये की मनी लाउंड्रिंग की। ED(प्रवर्तन निदेशालय) ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
- सोमवार को ED और पूर्व मंत्री के वकीलों के बीच कोर्ट में बहस पूरी हुई थी।
- इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और मंगलवार को याचिका खारिज कर दी।
अन्य आरोपियों की याचिका भी खारिज
यह पहली बार नहीं है जब इस मामले में याचिका खारिज की गई हो। कोर्ट ने पहले ही इस घोटाले के अन्य आरोपियों, जहांगीर आलम और संजीव लाल, की डिस्चार्ज याचिका खारिज कर दी थी।
आगे की राह कठिन
डिस्चार्ज याचिका खारिज होने के बाद आलमगीर आलम को अब नियमित सुनवाई का सामना करना होगा। ED के पास उनके खिलाफ कई महत्वपूर्ण सबूत हैं, जो उनके लिए चुनौती बन सकते हैं।
मनी लाउंड्रिंग मामले में झारखंड की राजनीति गरमाई
यह फैसला झारखंड की राजनीति में हलचल मचा रहा है। पूर्व मंत्री पर लगे आरोपों ने राज्य की राजनीति को प्रभावित किया है, और विपक्ष इसे मुद्दा बना सकता है।
ED का सख्त रुख
ED ने इस मामले में पहले ही आलमगीर आलम समेत कई लोगों की संपत्तियों की जांच और कुर्की की प्रक्रिया शुरू की है।
इस फैसले से पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब यह देखना होगा कि वह कानूनी लड़ाई में कैसे आगे बढ़ते हैं और ईडी उनके खिलाफ कौन से और सबूत पेश करती है।
Former Minister Alamgir Alam Faces Major Setback: ED Court Rejects Discharge Plea, Full Details Inside