![Baba Baidyanath Temple Witnesses Devotee Surge on Basant Panchami](https://newsboat.in/wp-content/uploads/2025/02/give-thanks-each-morning-as-your-day-begins-2-780x470.jpg)
देवघर: बसंत पंचमी के पावन अवसर पर देवघर स्थित बाबा बैजनाथ धाम में भक्तों की अटूट आस्था देखने को मिली। इस दिन मिथिलांचल से आए कांवरियों ने सुल्तानगंज से गंगाजल भरकर पैदल यात्रा कर बाबा धाम पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का तिलकोत्सव मनाया। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसमें भक्त गंगाजल लेकर पैदल चलते हुए देवघर पहुंचते हैं और भोलेनाथ का जलाभिषेक कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
तिलकोत्सव के दौरान कांवरियों ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और उन्हें विवाह का निमंत्रण दिया। इस अवसर पर बाबा बैजनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। मंदिर परिसर में भक्तों की आस्था और उत्साह का माहौल था।
बसंत पंचमी के मौके पर स्थानीय लोगों ने सरस्वती मंदिर में भी दर्शन किए। इस दिन को विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा के लिए भी खास माना जाता है। कई परिवारों ने अपने बच्चों का प्रारंभिक शिक्षा संस्कार भी बाबा भोलेनाथ मंदिर से शुरू किया। मान्यता है कि इस दिन बच्चों की शिक्षा की शुरुआत करने से उन्हें ज्ञान और सफलता प्राप्त होती है।
स्थानीय प्रशासन ने भी इस अवसर पर व्यापक सुरक्षा और सुविधाओं का इंतजाम किया था, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। बसंत पंचमी के इस पावन पर्व पर देवघर का पूरा वातावरण भक्तिमय और उत्साहपूर्ण रहा।
भक्तों का कहना है कि बाबा भोलेनाथ की कृपा से उनके जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। इस यात्रा के माध्यम से वे न केवल अपनी आस्था प्रकट करते हैं, बल्कि प्रकृति और परंपरा के साथ जुड़े रहने का संदेश भी देते हैं।
इस तरह, सुल्तानगंज से बाबा धाम तक की यह पैदल यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को भी बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
Baba Baidyanath Temple Witnesses Devotee Surge on Basant Panchami