पटना/पूर्वी चंपारण। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के चकिया में निर्माणाधीन विश्व के सबसे बड़े विराट रामायण मंदिर के लिए एक ऐतिहासिक शिवलिंग को तमिलनाडु के महाबलीपुरम से रवाना कर दिया गया है। यह विग्रह कई मायनों में ख़ास है, क्योंकि यह देश में किसी भी मंदिर में स्थापित होने वाला सबसे बड़ा शिवलिंग माना जा रहा है।
33 फीट ऊँचा, 210 मीट्रिक टन वजनी: एक ही पत्थर से निर्मित
भगवान भोलेनाथ का यह अद्भुत शिवलिंग अपनी विशालता के लिए अद्वितीय है।
| विशेषता | विवरण |
| ऊँचाई | 33 फीट |
| वजन | 210 मीट्रिक टन |
| निर्माण सामग्री | ग्रेनाइट पत्थर |
| निर्माण लागत | लगभग ₹3 करोड़ |
महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में शिल्पकार लोकनाथ की टीम और विनायक वेंकटरमण की कंपनी द्वारा इसे लगभग 10 साल के अथक परिश्रम के बाद तैयार किया गया है।
विशेष 96 चक्का ट्रक से 25 दिन का सफर
इस विशाल विग्रह को पूर्वी चंपारण तक पहुँचाने के लिए एक विशेष परिवहन व्यवस्था की गई है।सड़क मार्ग से महाबलीपुरम से चकिया तक की इस यात्रा में लगभग 20 से 25 दिन का समय लगने की उम्मीद है।यह शिवलिंग एक विशेष रूप से तैयार किए गए 96 चक्का वाले ट्रक से रवाना किया गया है।
शुक्रवार, 21 नवंबर को शिवलिंग को रवाना करने से पहले भव्य पूजा-पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय गांव के लोग भी शामिल हुए।
“रास्ते में विभिन्न राज्यों के शहरों में शिवलिंग का भव्य स्वागत किया जाएगा, जिसके लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। यह यात्रा एक तरह की धार्मिक शोभायात्रा का रूप लेगी।”
नए साल 2026 में होगा स्थापित
महावीर मंदिर न्यास समिति द्वारा निर्मित किए जा रहे विराट रामायण मंदिर में यह शिवलिंग नए साल 2026 में स्थापित होने की उम्मीद है। संस्थापकों के अनुसार, इसे जनवरी या फरवरी 2026 तक मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित कर दिया जाएगा।
विराट रामायण मंदिर: भव्यता की एक झलक
विराट रामायण मंदिर, जो पूर्वी चंपारण में आकार ले रहा है, दुनिया के सबसे भव्य धार्मिक परिसरों में से एक होगा।
- आकार: यह मंदिर 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा।
- शिखर: इसमें कुल 18 शिखर और 22 मंदिर होंगे।
- मुख्य शिखर की ऊंचाई: मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट होगी, जो इसे दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक बनाएगी।
बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के सदस्य और आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र सायण कुणाल ने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य निर्धारित समय पर पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। दावा है कि यह देश के किसी भी मंदिर में स्थापित होने वाला सबसे बड़ा शिवलिंग होगा।
वर्तमान में मंदिर का प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी, शिवलिंग और गर्भ गृह की नींव (पाइलिंग) आदि का काम पूरा हो चुका है। इस भव्य शिवलिंग का आगमन मंदिर के निर्माण को एक महत्वपूर्ण चरण में ले जाएगा, जो हिंदू आस्था और इंजीनियरिंग का अद्भुत संगम होगा।



