
मध्य प्रदेश/कूनो: भारत के महत्वाकांक्षी ‘प्रोजेक्ट चीता’ (Project Cheetah) के लिए आज का दिन बेहद खास है। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) से वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बेहद सुखद खबर सामने आई है। मादा चीता ‘मुखी’ ने पांच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है।
नन्हें मेहमानों का आगमन: अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चीता ‘मुखी’ ने 5 शावकों को जन्म दिया है। माँ और शावक दोनों की निगरानी की जा रही है और वे स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
- संरक्षण की जीत: यह घटना भारत में चीता पुनर्स्थापना कार्यक्रम (Cheetah Reintroduction Programme) की सफलता का एक और प्रमाण है। यह दर्शाता है कि अफ्रीकी चीते भारतीय वातावरण और कूनो के इकोसिस्टम में न केवल ढल रहे हैं, बल्कि अपना वंश भी बढ़ा रहे हैं।
- संख्या में बढ़ोतरी: इन नए मेहमानों के आने से पार्क में चीतों की कुल संख्या में इजाफा हुआ है, जो भविष्य के लिए एक शुभ संकेत है।
वन विभाग के अनुसार, यह प्रोजेक्ट की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह खबर न केवल वन्यजीव संरक्षण की दिशा में भारत के प्रयासों को बल देती है, बल्कि पर्यटन और जैव विविधता के लिहाज से भी यह एक सुनहरा अध्याय है।
सोशल मीडिया पर भी इस खबर के बाद खुशी की लहर है।
क्या है ‘प्रोजेक्ट चीता’ और क्यों खास है ‘मुखी’?
- 70 साल का सूखा: 1947 में देश के आखिरी चीते का शिकार कर लिया गया था और 1952 में भारत सरकार ने चीतों को आधिकारिक तौर पर ‘विलुप्त’ घोषित कर दिया था।
- ऐतिहासिक वापसी: लगभग 70 साल बाद, 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से आए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़कर ‘प्रोजेक्ट चीता’ का शंखनाद किया। यह दुनिया का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जहाँ एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में मांसाहारी वन्यजीवों को बसाया गया है।
- कौन है ‘मुखी’? मुखी कोई आम चीता नहीं है। वह नामीबिया से लाई गई मादा चीता ‘ज्वाला’ (Siyaya) की बेटी है। मुखी का जन्म मार्च 2023 में कूनो में ही हुआ था। अपने भाई-बहनों में वह इकलौती जीवित बची थी। आज उसका माँ बनना यह साबित करता है कि अफ्रीकी चीते न केवल भारतीय माहौल में ढल रहे हैं, बल्कि यहाँ अपना वंश भी सफलतापूर्वक बढ़ा रहे हैं।
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