गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) ने सर्वाइकल कैंसर के उपचार में महत्वपूर्ण प्रगति करते हुए मेदांता एंटीरियर ऑब्लिक लॅटरल ऑब्लिक (MAOLO) टेम्पलेट के लिए पेटेंट(Patent) हासिल किया है। यह नया ब्रैकीथेरेपी उपकरण डॉ. सुसोवन बनर्जी (Dr. Susovan Banerjee)और डॉ. तेजिंदर कटारिया (Dr. Tejinder Kataria)के नेतृत्व में मेदांता मेडिकल फिजिक्स टीम द्वारा विकसित किया गया है। यह उपकरण सर्वाइकल कैंसर(Cervical Cancer) के उपचार में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
बड़े ट्यूमर के लिए डिज़ाइन
MAOLO उपकरण को 100cc से बड़े ट्यूमर का इलाज करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो मौजूदा इंटरकैविटरी एप्लिकेटर्स की तुलना में काफी अधिक प्रभावी है। वर्तमान में उपलब्ध एप्लिकेटर्स आमतौर पर 36cc तक के ट्यूमर के लिए प्रभावी होते हैं। यह भारत के लिए महत्वपूर्ण है, जहां सर्वाइकल कैंसर(Cervical Cancer) महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है और अक्सर बड़े और उभरे हुए ट्यूमर के साथ देर से स्टेज में सामने आता है।
Gurugram Hospital gets patent for innovative Brachytherapy device for advanced-stage cervical cancer
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— ANI Digital (@ani_digital) July 4, 2024
ब्रैकीथेरेपी(Brachytherapy)
ब्रैकीथेरेपी, जिसे प्लेसियोथेरेपी भी कहा जाता है, में रेडिएशन स्रोत को ट्यूमर के करीब रखा जाता है, जिससे छोटे क्षेत्र का उपचार अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। यह तकनीक 1930 के दशक से मौखिक या जीभ के कैंसर, नरम ऊतक सरकोमास और सर्वाइकल कैंसर के उपचार में प्रभावी रही है।
डॉ. तेजिंदर कटारिया ने मौजूदा इंटरस्टिशल और इंटरकैविटरी कॉम्बो एप्लिकेटर्स की सीमाओं पर प्रकाश डाला, जो भारी, सीमित पहुंच वाले होते हैं और उन्हें असेंबल करने के लिए समय, प्रशिक्षण और कौशल की आवश्यकता होती है। ये उपकरण अक्सर अपने कई घटकों और त्वचा की सिलाई की आवश्यकता के कारण असुविधा पैदा करते हैं, जिससे एनेस्थीसिया की अवधि, दर्द निवारक दवाओं की आवश्यकता और अस्पताल में रहने की अवधि बढ़ जाती है।
क्रांतिकारी डिज़ाइन
MAOLO उपकरण इन चुनौतियों का समाधान करता है और देर से स्टेज के सर्वाइकल कैंसर के मरीजों के लिए उम्मीद की किरण है, जहां पारंपरिक उपचार अक्सर कम हो जाते हैं। यह उन मरीजों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो केमो रेडिएशन (Chemoradiation)और पारंपरिक ब्रैकीथेरेपी पूरा करने के बाद लेटरल पेरामेट्रिया में पुनरावृत्ति के उच्च जोखिम में हैं, जहां सर्जिकल या केमोथेरेपी(Chemotherapy) विकल्प प्रभावी नहीं होते।
डॉ. सुसोवन बनर्जी ने बताया कि मौजूदा एप्लिकेटर्स की भारीपन और बड़े ट्यूमर के लिए अपर्याप्त कवरेज ने नए उपकरण की आवश्यकता पैदा की। MAOLO एक डिस्क के आकार का उपकरण है जो तीन दिशाओं में अधिकतम कैथेटर प्लेसमेंट की अनुमति देता है, जिससे यह बड़े ट्यूमर के खिलाफ प्रभावी होता है। इसका सिंगल-पीस डिज़ाइन असेंबली की आवश्यकता को समाप्त करता है, त्रुटि के मार्जिन को कम करता है और उपयोग में आसानी सुनिश्चित करता है।
मेदांता की प्रतिबद्धता
डॉ. नरेश त्रेहन(Dr. Naresh Trehan), चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, मेदांता ने कहा, “MAOLO टेम्पलेट हमारे हेल्थकेयर में नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है। यह पेटेंट भारत में सर्वाइकल कैंसर केयर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, और हम अपने समुदाय की जरूरतों को पूरा करने के लिए नवाचार और समाधान प्रदान करना जारी रखेंगे।”
मेदांता के इस MAOLO उपकरण के विकास और पेटेंटिंग में मिली सफलता ने स्वास्थ्य सेवा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है। यह उपकरण गाइनकोलॉजिकल ब्रैकीथेरेपी को बेहतर बनाने का वादा करता है, विशेष रूप से भारत के संसाधन-सीमित क्षेत्रों में। MAOLO, सहयोगात्मक प्रयासों, सख्त अनुसंधान और सावधानीपूर्वक परीक्षण का परिणाम, उन्नत-स्टेज सर्वाइकल कैंसर उपचार में एक मील का पत्थर है और ऑन्कोलॉजी में रोगी देखभाल के लिए एक नया मानक स्थापित करता है।