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शिवाजी महाराज द्वारा उपयोग किए गया “वाघनख”19 जुलाई को भारत पहुंचेगा

शिवाजी महाराज द्वारा अफज़ल खान को मारने के लिए उपयोग किए गए प्रसिद्ध वाघनख (बाघ के पंजे) 19 जुलाई को भारत में पहुंचने वाले हैं। यह ऐतिहासिक हथियार भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसे शिवाजी महाराज की वीरता और रणनीति का प्रतीक माना जाता है।

वाघ नख का उपयोग 1659 में शिवाजी महाराज ने अफज़ल खान को मारने के लिए किया था, जब उन्होंने अपनी चतुराई और साहस का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन को हराया था। इस घटना ने मराठा साम्राज्य की नींव को मजबूत किया और उन्हें एक महान योद्धा के रूप में स्थापित किया।

यह वाघनख लंदन के ‘विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम’ से तीन साल की अवधि के लिए लाया जा रहा है। अगले 10 महीनों तक, इसे संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि लोग इसे देखकर अपने इतिहास से जुड़ सकें और शिवाजी महाराज की वीरता को सलाम कर सकें।

इस ऐतिहासिक हथियार के भारत आने की खबर ने लोगों में उत्साह और गर्व की भावना को जागृत किया है। इसे भारतीय संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि लोग इसे देखकर अपने इतिहास से जुड़ सकें और शिवाजी महाराज की वीरता को सलाम कर सकें।

इस अवसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और अन्य संबंधित संस्थाओं द्वारा विशेष आयोजन किए जाएंगे, जिसमें इतिहासकार, शोधकर्ता और जनता के लोग शामिल होंगे। यह भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का जश्न मनाने का एक अनूठा अवसर होगा।

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