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सरकारी कर्मचारियों को अब RSS गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति

सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। यह निर्णय 1966 में लागू किए गए एक पुराने प्रतिबंध को हटाने के बाद लिया गया है, जो सरकारी सेवा दिशानिर्देशों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है।

1966 का प्रतिबंध और उसका प्रभाव

1966 में, सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस जैसी संगठनों की गतिविधियों में भाग लेने से रोकने के लिए एक प्रतिबंध लागू किया गया था। इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की निष्पक्षता और कार्यकुशलता को बनाए रखना था। वर्षों से, इस प्रतिबंध को लेकर विभिन्न दृष्टिकोण सामने आए हैं और इसे हटाने की मांगें भी समय-समय पर उठती रही हैं।

सरकार ने इस पुराने प्रतिबंध को हटाते हुए सरकारी कर्मचारियों को RSS की गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति दी है। इस फैसले का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और उनके संगठनात्मक अधिकारों को ध्यान में रखना है। अब सरकारी कर्मचारी भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेकर समाज सेवा में अपना योगदान दे सकते हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है, जो समाज सेवा और राष्ट्रभक्ति के कार्यों में सक्रिय है। इस नए निर्णय के बाद, सरकारी कर्मचारी भी इस संगठन के कार्यक्रमों और गतिविधियों में शामिल होकर समाज सेवा के विभिन्न पहलुओं में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।

विभिन्न प्रतिक्रियाएं

इस बदलाव पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इससे सरकारी कर्मचारियों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता बढ़ेगी और वे समाज सेवा में अधिक सक्रिय हो सकेंगे। वहीं, कुछ लोगों ने चिंता जताई है कि यह कदम सरकारी कर्मचारियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर सकता है।

 

 

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