प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए “पीएम-ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना” को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य भारत में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में सुधार लाना और पर्यावरण के अनुकूल ई-बसों का उपयोग बढ़ाना है। यह योजना 3,435.33 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 38,000 से अधिक ई-बसों की तैनाती का समर्थन करेगी।
PM Shri @narendramodi Ji’s landmark decision to approve the Made in India PM-eBus Sewa-Payment Security Mechanism scheme for procurement and operation of e-buses will usher in a new era of public transport. Rolling out 38,000 e-buses with an outlay of over ₹3,435 crore, the… pic.twitter.com/CoS3kl59ol
— Amit Shah (@AmitShah) September 11, 2024
यह योजना वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक लागू रहेगी और इसमें तैनाती की तारीख से 12 साल की अवधि के लिए ई-बसों का संचालन शामिल होगा। ई-बस सेवा योजना को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके तहत, सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरण (पीटीए) को ई-बसों की खरीद और संचालन की उच्च पूंजी लागत की चिंता नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से संचालित किया जाएगा।
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यह डीजल/सीएनजी पर चलने वाली बसों को हटाकर उनकी जगह ई-बसों को लाएगा, जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल होंगी, बल्कि उनकी परिचालन लागत भी कम होगी। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में भारी कमी आएगी और जीवाश्म ईंधन की खपत भी घटेगी।
Prime Minister Modi's PM-E-Bus service scheme will bring a big change in public transport.