गया 17/09/2024: बिहार की पवित्र तीर्थ नगरी गया में आज विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला की शुरुआत हुई। इस विशेष अवसर पर बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मेले का उद्घाटन किया।
हर साल लाखों श्रद्धालु पितरों का तर्पण और पिंडदान करने के लिए इस मेले में आते हैं। गया की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के कारण यह मेला विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहाँ देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होते हैं।
गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला: श्रद्धा और आस्था का महापर्व
बिहार की धार्मिक नगरी गया में हर साल आयोजित होने वाला विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला श्रद्धा और आस्था का महापर्व है। यह मेला हिन्दू धर्म में पितरों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह आयोजन मुख्य रूप से उन परिवारों द्वारा किया जाता है, जो अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करना चाहते हैं।
पितृपक्ष मेला का महत्व
पितृपक्ष मेला का आयोजन गया में लगभग 15 दिनों तक चलता है, जो पितरों को मोक्ष दिलाने का एक पवित्र अवसर माना जाता है। इस दौरान श्रद्धालु पिंडदान और तर्पण के माध्यम से अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। यह मान्यता है कि गया में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को मुक्ति मिलती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
गया की धार्मिक महत्ता का उल्लेख पुराणों और वेदों में भी मिलता है। यहां के विष्णुपद मंदिर और फल्गु नदी तट पर पिंडदान और तर्पण की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है। गया में पिंडदान की प्रक्रिया विष्णुपद मंदिर के अलावा अक्षयवट, प्रेतशिला, और फल्गु नदी के किनारे की जाती है, जो इस नगरी को आध्यात्मिक रूप से अत्यधिक महत्व प्रदान करती है।