19 सितंबर 2024 को, भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर उन्होंने छात्रों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और महत्वपूर्ण संदेश दिए।
विद्यार्थियों को सलाह: विवेकपूर्ण निर्णय लें
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह का दिन उत्सव का अवसर है, लेकिन यह भविष्य के लिए मजबूत संकल्प लेने का भी समय है। उन्होंने विद्यार्थियों को याद दिलाया कि कई छात्र पहले से ही अपने करियर के बारे में निर्णय ले चुके होंगे, लेकिन कुछ अभी भी इस बात को लेकर भ्रमित हो सकते हैं कि उन्हें नौकरी करनी है, आगे पढ़ाई करनी है, उद्यमी बनना है या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करनी है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने भविष्य के बारे में विचारशील निर्णय लेने का आग्रह किया, क्योंकि यह निर्णय उनके जीवन की दिशा तय करेगा।
रुचि और क्षमता के आधार पर निर्णय लें
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी की अलग-अलग क्षमताएं होती हैं, और उन्हें अपनी रुचि और क्षमता के आधार पर अपने करियर का चयन करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे कभी भी ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया को नहीं रोकें। इसके साथ ही, उन्होंने समावेशी विकास और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें हमेशा यह याद रखना चाहिए कि उनका विकास, समाज के विकास से जुड़ा हुआ है।
महिला सशक्तिकरण की प्रतीक: महारानी देवी अहिल्याबाई होल्कर
राष्ट्रपति ने इस विश्वविद्यालय का नाम महारानी लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखे जाने पर गर्व व्यक्त किया, जो महिला सशक्तिकरण का महान उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि महारानी ने अपने शासनकाल में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई सफल और नवाचारी प्रयास किए। उन्होंने आदिवासी समाज के उत्थान के लिए भी कई महत्वपूर्ण कार्य किए। राष्ट्रपति ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई का जीवन इस बात का प्रमाण है कि महिलाएं सभी क्षेत्रों में – राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक – क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं।
लड़कियों की शिक्षा पर जोर
राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस दीक्षांत समारोह में लड़कियों को लड़कों से अधिक पदक प्राप्त हुए हैं, जो महारानी अहिल्याबाई के आदर्शों के अनुरूप है। उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि यदि हमारी बेटियां बड़े सपने देखें और उन्हें साकार करें, तो तभी शैक्षणिक संस्थान और शिक्षक देश के विकास में भागीदार बन सकेंगे।
President of India wishes success to the students at the 14th convocation of Devi Ahilya University