कोलकाता, 28 सितंबर 2024: पश्चिम बंगाल सरकार ने ऐतिहासिक 150 साल पुरानी ट्राम सेवा को बंद करने का अहम फैसला लिया है। कोलकाता, जिसे “सिटी ऑफ जॉय” के नाम से जाना जाता है, देश की एकमात्र ऐसी जगह थी जहां अभी भी ट्राम सेवा चल रही थी। ट्राम सेवा का सफर 19वीं सदी में शुरू हुआ था और यह शहर के परिवहन तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। लेकिन अब यह सेवा इतिहास का हिस्सा बनने जा रही है।
फैसले के पीछे कारण
सरकार का यह निर्णय शहर में तेज़ी से बदलते यातायात और इन्फ्रास्ट्रक्चर जरूरतों के मद्देनजर लिया गया है। ट्राम की धीमी गति और शहर में ट्रैफिक जाम को देखते हुए इसे बंद करना ज़रूरी समझा गया। इसके अलावा, शहर में मेट्रो और अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के विस्तार के कारण ट्राम सेवा की मांग में भी कमी आई है।
ऐतिहासिक महत्व
कोलकाता की ट्राम सेवा 1873 में शुरू की गई थी और यह भारत में सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में से एक है। इस सेवा ने न केवल शहरवासियों को बल्कि पर्यटकों को भी कोलकाता के अद्वितीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर से रूबरू कराया।
नॉस्टैल्जिया और विरोध
ट्राम सेवा को बंद करने के फैसले से शहर के कई नागरिक और इतिहास प्रेमी निराश हैं। कई लोग इस सेवा को कोलकाता की पहचान मानते थे और इसके बंद होने पर दुख व्यक्त कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी ट्राम प्रेमियों ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
सरकार की योजना
सरकार ने हालांकि यह स्पष्ट किया है कि इस फैसले के बाद भी शहर के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के प्रयास जारी रहेंगे। ट्राम के स्थान पर अन्य तेज़ और सुविधाजनक सेवाओं की शुरुआत की जाएगी ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
यह फैसला कोलकाता के इतिहास में एक युग के अंत का संकेत है, जहां ट्राम सेवाओं की ध्वनि अब सड़कों पर सुनाई नहीं देगी।
Kolkata: West Bengal government decides to shut down 150-year-old tram service