भारत और कनाडा के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव के बीच, भारत सरकार ने कनाडा के शीर्ष राजनयिकों को निष्कासित करने का कड़ा फैसला लिया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कनाडाई चार्ज डी’अफेयर्स को तलब कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई और छह कनाडाई राजनयिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया।
विदेश सचिव (पूर्व) ने कनाडाई चार्ज डी’अफेयर्स स्टीवर्ट व्हीलर को स्पष्ट रूप से सूचित किया कि कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को “निराधार” तरीके से निशाना बनाया जाना अस्वीकार्य है। यह भी रेखांकित किया गया कि कनाडा में चरमपंथ और हिंसा के बढ़ते माहौल के बीच, ट्रूडो सरकार की कार्रवाई से भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। भारत ने यह साफ किया कि उसे मौजूदा कनाडाई सरकार पर राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का कोई भरोसा नहीं है।
भारत सरकार ने इस संदर्भ में कड़ा कदम उठाते हुए अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा, भारत ने यह भी साफ किया कि वह कनाडा की ट्रूडो सरकार द्वारा उग्रवाद, हिंसा और भारत विरोधी अलगाववादी गतिविधियों के समर्थन के जवाब में और भी कड़े कदम उठाने का अधिकार रखता है।
कनाडाई राजनयिक निष्कासित
भारत ने कनाडा के निम्नलिखित 6 राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है:
1. स्टीवर्ट रॉस व्हीलर, कार्यवाहक उच्चायुक्त
2. पैट्रिक हेबर्ट, डिप्टी हाई कमिश्नर
3. मैरी कैथरीन जोली, प्रथम सचिव
4. इयान रॉस डेविड ट्राइट्स, प्रथम सचिव
5. एडम जेम्स चुइप्का, प्रथम सचिव
6. पाउला ऑरजुएला, प्रथम सचिव
उन्हें 19 अक्टूबर, 2024, शनिवार को रात 11:59 बजे से पहले भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
भारत और कनाडा के बीच यह घटना द्विपक्षीय संबंधों में एक और गंभीर मोड़ है, और भविष्य में दोनों देशों के बीच और भी कूटनीतिक चुनौतियों की संभावना जताई जा रही है।
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