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भारत और अमेरिका के बीच 31 प्रीडेटर ड्रोन का 32,000 करोड़ रुपये का समझौता

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका ने हाल ही में 31 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद और उनके रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (Maintenance, Repair, and Overhaul) सुविधा स्थापित करने के लिए 32,000 करोड़ रुपये के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते को भारत की सुरक्षा तैयारियों को और मजबूत बनाने के महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

1. कैबिनेट सुरक्षा समिति की मंजूरी: भारत सरकार की कैबिनेट सुरक्षा समिति (Cabinet Committee on Security – CCS) ने पिछले हफ्ते 31 प्रीडेटर ड्रोन के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी।

2. प्रीडेटर ड्रोन का वितरण: कुल 31 प्रीडेटर ड्रोन में से 15 ड्रोन भारतीय नौसेना को दिए जाएंगे, जबकि शेष ड्रोन अन्य सशस्त्र बलों को प्रदान किए जाएंगे। यह ड्रोन समुद्री निगरानी और अन्य सामरिक कार्यों में सहायक होंगे।

3. रखरखाव और मरम्मत केंद्र की स्थापना: इस समझौते के तहत भारत में प्रीडेटर ड्रोन के लिए एक रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) सुविधा की स्थापना भी की जाएगी। यह सुविधा भारतीय सेना के लिए दीर्घकालिक रूप से लाभकारी होगी, क्योंकि इससे ड्रोन की कार्यक्षमता को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

4. सुरक्षा सहयोग में विस्तार: इस सौदे के साथ, भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग और मजबूत हुआ है। प्रीडेटर ड्रोन आधुनिक तकनीक से सुसज्जित हैं और उच्च सामरिक क्षमताओं वाले हैं, जिससे भारत की सुरक्षा तैयारियों को नई ऊंचाई मिलेगी।

5. भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी: यह सौदा भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों का प्रतीक है, जहां दोनों देश एक-दूसरे के साथ सुरक्षा और तकनीकी सहयोग को आगे बढ़ा रहे हैं। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व में द्विपक्षीय संबंधों को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह सौदा भारत की रक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण सुधार लाने के साथ-साथ स्वदेशी तकनीकी विकास में भी सहायक होगा।

Rs 32,000 crore agreement between India and USA for 31 Predator drones
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