भारत में आयोजित होने वाले पहले खो-खो वर्ल्ड कप के लिए ट्रॉफी और मैस्कॉट्स का अनावरण किया गया। यह टूर्नामेंट 13 जनवरी से 19 जनवरी 2025 तक चलेगा, जिसमें 24 देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।
टूर्नामेंट की प्रमुख जानकारी:
पुरुष वर्ग में 21 टीमें
महिला वर्ग में 20 टीमें
ट्रॉफियों का अनूठा डिजाइन:
पुरुष वर्ग की ट्रॉफी: नीले रंग की, जो विश्वास और दृढ़ता का प्रतीक है।
महिला वर्ग की ट्रॉफी: हरे रंग की, जो विकास और ऊर्जा को दर्शाती है।
मैस्कॉट्स: तेजस और तारा
खो-खो वर्ल्ड कप के लिए ट्रॉफी और मैस्कॉट्स टूर्नामेंट के आधिकारिक मैस्कॉट्स, तेजस और तारा, एक गज़ेल (हिरण) हैं। ये गति, चपलता और टीमवर्क का प्रतीक हैं। इन मैस्कॉट्स का चयन इस खेल की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
खो-खो वर्ल्ड कप के माध्यम से भारतीय खेलों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद है। खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया(KKFI) और अन्य संगठनों ने इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं।
दिल्ली जल्द ही इस ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बनेगा, जो भारतीय पारंपरिक खेलों को वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Trophy and mascots of the first Kho-Kho World Cup to be held in Delhi unveiled