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झारखंड में शराब बिक्री का निजीकरण: 1 मार्च 2025 से होगा लागू !

रांची: झारखंड सरकार ने शराब बिक्री को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य में शराब की बिक्री सरकारी स्तर पर नहीं होगी, बल्कि इसका काम निजी शराब व्यापारियों को सौंपा जाएगा। इसके तहत शराब दुकानों का आवंटन टेंडर और लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। यह व्यवस्था एक मार्च से लागू हो सकती है। हालांकि, इस फैसले के बाद राज्य में शराब की कीमतों में 5 से 8 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।

झारखंड सरकार के इस निर्णय के अनुसार, शराब बेचने के लिए बनी सरकारी कंपनी झारखंड स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन (झारखंड लिवरेज कारपोरेशन) अब केवल थोक में शराब का कारोबार करेगी। खुदरा बिक्री का जिम्मा निजी शराब व्यापारियों को दिया जाएगा। यह व्यवस्था पहले भी लागू थी, लेकिन बाद में सरकार ने शराब बिक्री का काम अपने हाथ में ले लिया था। अब एक बार फिर से पुरानी प्रणाली को अपनाया जा रहा है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

सरकार के मुताबिक, इस कदम का उद्देश्य राजस्व में वृद्धि करना और शराब व्यापार को अधिक पारदर्शी बनाना है। टेंडर और लॉटरी के माध्यम से दुकानों का आवंटन होने से पारदर्शिता बढ़ेगी और सरकार को अतिरिक्त आय होगी। साथ ही, निजी व्यापारियों को शराब बेचने की अनुमति देने से सरकारी संसाधनों का बोझ भी कम होगा।

कीमतों पर क्या होगा असर?

इस फैसले का सीधा असर शराब की कीमतों पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, नई व्यवस्था लागू होने के बाद शराब की कीमतों में 5 से 8 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इसका कारण यह है कि निजी व्यापारियों को दुकानों के लिए टेंडर और लॉटरी प्रक्रिया में अधिक राशि खर्च करनी पड़ सकती है, जिसका असर अंतिम कीमतों पर पड़ेगा।

क्या कहते हैं जानकार?

शराब व्यापार से जुड़े कुछ जानकारों का मानना है कि यह फैसला सरकार के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे राजस्व में वृद्धि होगी। हालांकि, उपभोक्ताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि इस कदम से शराब की अवैध बिक्री पर अंकुश लग सकता है, क्योंकि निजी व्यापारियों को लाइसेंस के तहत काम करना होगा।

क्या होगा आगे?

झारखंड सरकार का यह फैसला एक मार्च से लागू होने की उम्मीद है। इसके बाद शराब दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी। सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब देखना यह है कि इस नई व्यवस्था का राज्य के राजस्व और शराब उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ता है।

इस फैसले के बाद झारखंड में शराब की बिक्री एक बार फिर से निजी हाथों में चली जाएगी, लेकिन इसके साथ ही उपभोक्ताओं को महंगी शराब पीने के लिए तैयार रहना होगा।

Privatization of liquor sale in Jharkhand: Will be implemented from March 1, 2025!

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