
नई दिल्ली | 29 नवंबर 2025: भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी समुद्री ताकत का लोहा मनवाते हुए अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (International Maritime Organization – IMO) की परिषद में शानदार जीत दर्ज की है। लंदन में आयोजित 34वीं असेंबली के दौरान हुए चुनाव में भारत को श्रेणी-बी (Category B) में सबसे अधिक वोट मिले हैं।
मुख्य हाइलाइट्स
- प्रचंड बहुमत: भारत को 169 वैध मतों में से 154 वोट मिले, जो श्रेणी-बी में किसी भी देश द्वारा प्राप्त सर्वाधिक मत हैं।
- एलीट ग्रुप में शामिल: भारत अब जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, स्वीडन, नीदरलैंड और ब्राजील जैसे दुनिया के 10 प्रमुख समुद्री व्यापारिक देशों के समूह का हिस्सा है।
- लगातार दूसरी जीत: यह भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव का सबूत है कि उसने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए ‘हाईएस्ट वोट टैली’ (Highest Vote Tally) हासिल की है।
क्या है अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (What is IMO?)
इस जीत का महत्व समझने के लिए IMO की भूमिका को जानना आवश्यक है:
- परिचय: IMO संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष एजेंसी है।
- जिम्मेदारी: इसका मुख्य काम अंतरराष्ट्रीय शिपिंग की सुरक्षा, संरक्षा और जहाजों द्वारा होने वाले समुद्री और वायु प्रदूषण को रोकना है।
- मुख्यालय: इसका मुख्यालय लंदन (यूके) में स्थित है।
- सदस्य: वर्तमान में इसके 170 से अधिक सदस्य देश हैं। भारत 1959 से इसका सदस्य है।
क्या है IMO काउंसिल और ‘श्रेणी-बी’? (IMO Council Structure)
IMO काउंसिल संगठन का ‘कार्यकारी अंग’ (Executive Body) है जो असेंबली सत्रों के बीच संगठन के कामकाज की निगरानी करता है। इसमें कुल 40 सदस्य देश होते हैं जो तीन श्रेणियों में बंटे होते हैं:
- श्रेणी-ए (Category A): 10 देश, जिनकी अंतरराष्ट्रीय शिपिंग सेवाओं में सबसे अधिक रुचि है।
- श्रेणी-बी (Category B): 10 देश, जिनकी अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार (International Seaborne Trade) में सबसे अधिक रुचि है। (भारत इसी श्रेणी में चुना गया है)
- श्रेणी-सी (Category C): 20 देश, जिनका समुद्री परिवहन या नेविगेशन में विशेष हित है और जो दुनिया के प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
पीएम मोदी के विजन की जीत: सर्बानंद सोनोवाल
केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम बताया है।
“IMO में भारत की सफलता पीएम नरेंद्र मोदी जी के मैरीटाइम विजन (Maritime Vision) का प्रमाण है। 154 वोटों का यह जनादेश सुरक्षित, कुशल और हरित समुद्री क्षेत्र के निर्माण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर वैश्विक समुदाय की मुहर है।” — सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय मंत्री
क्या है भारत के लिए इसके मायने?
यह जीत केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि ‘अमृत काल मैरीटाइम विजन 2047’ की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- वैश्विक नीति निर्माण: भारत अब वैश्विक शिपिंग नियमों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- ग्रीन शिपिंग: डीकार्बोनाइजेशन (Decarbonisation) और समुद्री सुरक्षा में भारत के प्रयासों को दुनिया ने सराहा है।



