नई दिल्ली – भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने गुजरात के हजीरा में अपने सबसे तेज़ उत्पाद विकास के तहत स्वदेशी लाइट टैंक ‘ज़ोरावर’ का अनावरण किया है।
ज़ोरावर नाम “ज़ोर” और “वर” शब्दों से मिलकर बना है। “ज़ोर” एक फ़ारसी शब्द है जिसका अर्थ है “मजबूत” और “वर” का मतलब है “योद्धा”।
#WATCH | Exclusive footage of the light tank Zorawar developed jointly by DRDO and Larsen and Toubro. The tank project being developed for the Indian Army was reviewed by DRDO chief Dr Samir V Kamat in Hazira, Gujarat today. The tank has been developed by the DRDO to meet the… pic.twitter.com/bkJHdWkoWo
— ANI (@ANI) July 6, 2024
यह टैंक विशेष रूप से लद्दाख में चीन सीमा पर तैनात भारतीय सशस्त्र बलों को मजबूती देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ज़ोरावर टैंक तकनीकी उत्कृष्टता और सामरिक संतुलन का प्रतीक है, और इसे विश्वस्तरीय मानकों के अनुसार विकसित किया गया है।
DRDO प्रमुख डॉ. कमत के अनुसार, सभी परीक्षणों के बाद इस टैंक को 2027 तक भारतीय सेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है।
ज़ोरावर टैंक की अनूठी विशेषताएं इसे चीनी और रूसी टैंकों से भी बेहतर बनाती हैं। इसमें अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली, लोटरिंग म्यूनिशन्स, और अन्य उन्नत तकनीक शामिल हैं। इस टैंक की डिज़ाइन और विकास में DRDO और L&T का महत्वपूर्ण योगदान है।
यह टैंक न केवल भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, बल्कि इसके उच्च निर्यात संभावनाओं के कारण भी महत्वपूर्ण है। कई मित्र देशों ने पहले ही इस टैंक में रुचि दिखाई है।