बिहार सरकार ने जमीन सर्वेक्षण के काम को पूरा करने की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए जमीन सर्वे की समय सीमा को छह महीने बढ़ाने का फैसला किया। इसके तहत, अब सेल्फ डेक्लियरेशन के लिए 180 दिन, रैयत का दावा करने के लिए 60 दिन और दावे के निपटारे के लिए 60 दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा।
जनहित में लिया गया फैसला
यह कदम आम जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। पहले तय समय सीमा में बहुत से लोग अपने जमीन संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए थे। इस फैसले से उन लोगों को राहत मिलेगी, जो किसी कारणवश समय पर अपने कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके।
कैबिनेट बैठक में अन्य बड़े फैसले
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 33 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय इस प्रकार हैं:
1. सहरसा में मत्स्यगंधा झील का विकास:
- बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सहरसा स्थित मत्स्यगंधा झील का विकास किया जाएगा।
- इस परियोजना के लिए ₹98.65 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है।
2. कैमूर में ईको टूरिज्म हब:
- करमचट में एक इको टूरिज्म और एडवेंचर हब विकसित किया जाएगा।
- इसके विकास के लिए ₹49.73 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
जमीन सर्वे और पर्यटन विकास पर सरकार का जोर
सरकार का यह निर्णय न केवल जमीन सर्वे प्रक्रिया को आसान बनाएगा, बल्कि पर्यटन को भी एक नई दिशा देगा। इससे न केवल स्थानीय लोगों को फायदा होगा, बल्कि राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
बिहार सरकार के इस फैसले से जनता को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। जमीन सर्वेक्षण का विस्तार और पर्यटन क्षेत्र में निवेश, दोनों ही राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेंगे।
Land survey period extended in Bihar: 180 days time available