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विश्व पटल पर भारत का गौरव: गीता और नाट्यशास्त्र अब यूनेस्को की धरोह सूची में शामिल!

ऐतिहासिक उपलब्धि: भारत के 14 सांस्कृतिक दस्तावेज़ अब यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में

नई दिल्ली – भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा और कला के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। यूनेस्को (UNESCO) ने श्रीमद्भगवद्गीता और भरतमुनि के नाट्यशास्त्र को अपनी प्रतिष्ठित ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ (Memory of the World Register) में शामिल किया है। इसके साथ ही, भारत से इस रजिस्टर में दर्ज होने वाली कुल धरोहों की संख्या 14 हो गई है।

क्यों है यह सम्मान खास?

  • श्रीमद्भगवद्गीता – हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ, जो जीवन, धर्म और कर्म के सिद्धांतों को समझाता है।
  • नाट्यशास्त्र – भरतमुनि द्वारा रचित यह ग्रंथ नाट्य, संगीत और नृत्य कला का विश्व का सबसे पुराना ग्रंथ माना जाता है।
  • यूनेस्को का ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड’ कार्यक्रम दुर्लभ और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक दस्तावेज़ों को संरक्षित करने के लिए शुरू किया गया है।

भारत सरकार और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री [नाम] ने कहा, “यह भारत की सनातन ज्ञान परंपरा के लिए गर्व का क्षण है। गीता और नाट्यशास्त्र न केवल धार्मिक और कलात्मक ग्रंथ हैं, बल्कि वे मानवता के लिए मार्गदर्शक भी हैं।”

भारत की अन्य महत्वपूर्ण धरोहें जो यूनेस्को रजिस्टर में शामिल हैं:

  1. ऋग्वेद (2007)
  2. रामचरितमानस (2022)
  3. मुगलकालीन पांडुलिपियाँ
  4. तंजावुर नृत्य कला दस्तावेज़
India's pride on the world stage: Gita and Natyashastra are now included in UNESCO's heritage list!

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