
ऐतिहासिक उपलब्धि: भारत के 14 सांस्कृतिक दस्तावेज़ अब यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में
नई दिल्ली – भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा और कला के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। यूनेस्को (UNESCO) ने श्रीमद्भगवद्गीता और भरतमुनि के नाट्यशास्त्र को अपनी प्रतिष्ठित ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ (Memory of the World Register) में शामिल किया है। इसके साथ ही, भारत से इस रजिस्टर में दर्ज होने वाली कुल धरोहों की संख्या 14 हो गई है।
A historic moment for Bharat’s civilisational heritage!
The Shrimad Bhagavad Gita & Bharat Muni’s Natyashastra are now inscribed in UNESCO’s Memory of the World Register.
This global honour celebrates India’s eternal wisdom & artistic genius.
These timeless works are more than… pic.twitter.com/Zeaio8OXEB
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) April 18, 2025
क्यों है यह सम्मान खास?
- श्रीमद्भगवद्गीता – हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ, जो जीवन, धर्म और कर्म के सिद्धांतों को समझाता है।
- नाट्यशास्त्र – भरतमुनि द्वारा रचित यह ग्रंथ नाट्य, संगीत और नृत्य कला का विश्व का सबसे पुराना ग्रंथ माना जाता है।
- यूनेस्को का ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड’ कार्यक्रम दुर्लभ और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक दस्तावेज़ों को संरक्षित करने के लिए शुरू किया गया है।
भारत सरकार और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री [नाम] ने कहा, “यह भारत की सनातन ज्ञान परंपरा के लिए गर्व का क्षण है। गीता और नाट्यशास्त्र न केवल धार्मिक और कलात्मक ग्रंथ हैं, बल्कि वे मानवता के लिए मार्गदर्शक भी हैं।”
भारत की अन्य महत्वपूर्ण धरोहें जो यूनेस्को रजिस्टर में शामिल हैं:
- ऋग्वेद (2007)
- रामचरितमानस (2022)
- मुगलकालीन पांडुलिपियाँ
- तंजावुर नृत्य कला दस्तावेज़
India's pride on the world stage: Gita and Natyashastra are now included in UNESCO's heritage list!