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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में नारंगी अलर्ट जारी किया

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में नारंगी अलर्ट जारी किया है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में विपरीत साइक्लोनिक स्थितियों के कारण नारंगी अलर्ट जारी किया है।

IMD ने अगले 3 दिनों के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में मध्यम वर्षा का पूर्वानुमान किया है, जिसमें अलग-अलग बारिश, बिजली और 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक की तेज हवाएं शामिल हैं।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) आगामी मौसम घटनाओं और उनकी गंभीरता के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए कलर कोड अलर्ट जारी करता है। इन रंगों को कब जारी किया जाएगा, यह निर्धारित मानदंड के अनुसार हैं। चलो, हम देखते हैं कि IMD द्वारा जारी किए गए कलर -कोडेड मौसम चेतावनियाँ क्या हैं।

WEATHER ALERT
१.हरी चेतावनी (कोई चेतावनी नहीं)
बारिश की चेतावनियों के मामले में, हरे रंग का कोड जारी होता है जिसका मतलब 24 घंटे में 64 मिमी से कम बारिश को दर्शाता है। एक हरी चेतावनी यह संकेत देती है कि हालांकि मौसम चेतावनी हो सकती है, लेकिन कोई सलाह जारी करने की जरूरत नहीं है।
२ पीला चेतावनी (अपडेट रहें)
IMD के द्वारा एक पीली चेतावनी भी जारी की जाती है जो की अगर प्रत्याशित वर्षा 64.5 मिमी से 115.5 मिमी के बीच है और यह मुख्य रूप से वर्तमान बुरी मौसम की स्थिति और बदतर हो जाएगी ।इसलिए सावधान रहे।
३ ऑरेंज अलर्ट (तैयार रहें)
एक औरंगे अलर्ट विशेष रूप से बुरे मौसम के मामले में IMD द्वारा जारी किया जाता है।जिसका मतलब यह मौसम रेल, सड़क और हवाई परिवहन सहित परिवहन सुविधाओं पर असर डालेगा है।जिससे आम लोगो को बहुत सारी असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा।
४. लाल अलर्ट (कार्रवाई करे )
लाल अलर्ट IMD द्वारा तब जारी किया जाता है जब 24 घंटे के अंदर वर्षा कुल 204.5 मिमी से अधिक हो और जब एक बहुत ही बुरा मौसम स्थिति की उम्मीद होती है जो परिवहन और बिजली आपूर्ति में बाधा डाल सकती है, जो आम लोगों के जीवन को खतरे में डाल सकती है।

जब लाल अलर्ट जारी किया जाता है, तो सरकारी अधिकारियों के द्वारा लोगों को सतर्क किया जाता है। यह अलर्ट होने के बाद सरकारी अधिकारी कई योजना के तहत आवश्यक कदम उठाते है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।कभी कभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थान्तरित भी किया जाता है।

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